5 सबसे ज्यादा उपयोग होने बाले सिवल इंजीनियरिंग मटीरीअल | Top 5 Most Usable Civil Engineering Materials

सिवल इंजीनियरिंग मटीरीअल जिनको हम बिल्डिंग मटीरीअल भी कहते है। आज के इस आर्टिकल में हम 5 सबसे ज्यादा उपयोग होने बाले सिवल इंजीनियरिंग मटीरीअल के बारे में पड़ेंगे(Top 5 most usable Civil Engineering Materials)। अगर आप एक सिवल इंजीनियर है तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है। तो चलिए शुरू करते है आज का आर्टिकल।

Top 5 Most Usable Civil Engineering Materials

1. पत्थर (Stone):-

अगर दोस्तों हम पत्थर की बात करें तो, पत्थर सबसे महत्वपूर्ण अभियांत्रिक पदार्थ है। यह प्राचीन समय से ही सिविल इंजीनियरिंग में प्रयोग में लाया जा रहा है। यह भवन के विभिन्न भागों में जैसे फर्श, छत, चिनाई आदि के साथ-साथ फूलों सड़कों मेहराबों आदि के उपयोग में लाया जाता है पत्थर चट्टानों से प्राकृतिक रूप में प्राप्त किया जाता है जिसे हम अपने हिसाब से अपनी आवश्यकता के अनुसार कार्ड कर काटकर और छांट कर निर्माण के उपयोग में लाते हैं। अलग-अलग चट्टानों से अलग-अलग प्रकार के पत्थर प्राप्त किए जाते हैं, जो निर्माण कार्य की उपयोगिता के अनुसार प्रयोग में लाए जाते हैं।

अब हम बात करें चट्टान की तो चट्टान पृथ्वी के ऊपर जमा हुई पपड़ी का भाग है जिसके निर्माण के संबंध में अनेक मत हैं चट्टाने बहुत प्रकार की होती हैं लेकिन मैं आपको चट्टानों के मुख्य तीन प्रकार बताऊंगा जोकि इस तरह से हैं—

  1. भू–वैज्ञानिक
  2. भौतिक
  3. रासायनिक

भवनों में प्रयोग होने वाले पत्थर के गुण :—

भवनों में प्रयोग किए जाने वाले पत्थर के गुण निम्नलिखित होने चाहिए—

  • पत्थर का रंग, इमारती पत्थर का विशेष गुण होता है कि उस इमारत में जो पत्थर प्रयोग किया जा रहा है उसका रंग साफ होना चाहिए। काले रंग के पत्थर का इमारत में प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • अच्छा इमारती पत्थर पर्याप्त कड़ा, टिकाऊ तथा मजबूत होना चाहिए।
  • पत्थर को यदि 16 घंटे तक पानी में डूबा कर रखा जाए तो वह अपने भार से 10% से अधिक पानी न सोखे। यही असली पत्थर की पहचान है।
  • पत्थर में महीन कण होने चाहिए ताकि इसे आवश्यकतानुसार आकार में काटा जा सके।
  • पत्थर में अग्नि रोधक गुण होना चाहिए।

2. ईंट (Bricks) :—

अब हम बात करते हैं ईंट की, यांत्रिकी पदार्थों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है वर्तमान समय में अधिकतर कार्यों के निर्माण में ईंट का प्रयोग किया जाता है भवनों में दीवारों और छत आदि सभी भागों में इसका प्रयोग किया जाता है।

भवन, पुल, सड़क, बांध आदि के निर्माण हेतु ईंट, पत्थर सीमेंट, लोहा, लकड़ी, बालू आदि कच्चे माल की आवश्यकता होती है अतः इन सामग्रियों के चयन में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है ताकि निर्माण कार्य उत्तम हो सके जैसे सामग्री निर्माण में प्रयोग की जाएगी उसकी आयु सामग्री के चयन पर निर्भर करेगी।

भवन निर्माण सिविल इंजीनियर का एक प्रमुख कार्य है यहां पर भवन निर्माण हेतु बातचीत सामग्री के संबंध में अध्ययन आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक निर्माण के लिए कुछ ना कुछ सामग्री आवश्यक होती है। और उन्हें में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री ईंट है।

तो आपको बता दें कि ईंट बनाने वाली मिट्टी में कौन-कौन से तत्व होते है—

  • चिकनी मिट्टी
  • बालू
  • चुना
  • मैग्नीशियम
  • आयरन ऑक्साइड

अच्छी ईंट की विशेषताएं :—

निर्माण कार्य में सर्वोत्तम गुणवत्ता बाली ईंटो का प्रयोग करना चाहिए। अच्छी ईंटो के निम्नलिखित गुण होते हैं—

  • ईंट का आकार अपने मानक आकार के अनुसार होना चाहिए। ईंट का मानक आकार 190 x 90 x 90 mm होता है।
  • ईंटो का रंग एक समान होना चाहिए जैसे गहरा लाल, चैरी या ताम्र रंग होना चाहिए।
  • ईंटें दरारों और एयर बुलबुले, पत्थर नोड्यूल इत्यादि दोषों से मुक्त होनी चाहिए।
  • I.S.I. कोड के अनुसार ईंटो की संपीड़न शक्ति न्यूनतम 3.5N/mm होनी चाहिए।
  • ईंटो को न ही अतिदग्ध और न ही कमजोर होना चाहिए।
  • ईंट इतनी कठोर होनी चाहिए एक उंगली के नाखून से खुर्चा जाए तो ईंट पर को खुरचने का कोई निशान नहीं बनना चाहिए यह भी एक अच्छी ईंट का गुण है।

3. चूना (Lime) :-

अगर हम बात करें चूने की तो चिनाई दीवार पुल कंक्रीट कार्य आदि के निर्माण कार्य के बंधक पदार्थ (Binding Material) निर्माण कार्य का मुख्य आधार होता है इस बंधक पदार्थ के निर्माण कार्य को मजबूती, स्थिरता, कठोरता तथा अन्य आवश्यक गुण मिलते हैं चुने से।

चूना एक प्राकृतिक बाइंडिंग मटेरियल है जो कि प्रकृति में पत्थर कंकर आदि रूपों में पाया जाता है। चूने का रासायनिक नाम कैलशियम ऑक्साइड (Cao) होता है। चूने को पत्थरों से प्राप्त करने के लिए उन्हें भट्टियों में पकाकर प्राप्त किया जाता है।

चूने की विशेषताएं :—

  • चूना अच्छे कार्य में लेने योग्य (Workable) होना चाहिए।
  • इसमें दृढ़ता (Stiffness) जल्दी होनी चाहिए।
  • प्लास्टिसिटी होनी चाहिए।
  • पत्थर व ईंट को चिपकाने का गुण अच्छा होना चाहिए।
  • चिनाई को मजबूती प्रदान करने योग्य होना चाहिए।

4. सीमेंट (Cement) :-

दोस्तों अगर सीमेंट की बात करें तो सीमेंट 1 ऐसा पदार्थ है जिसके बारे में सभी जानते हैं आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से समझाने का प्रयास करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं—

सीमेंट इंजीनियरिंग पदार्थों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आजकल प्रत्येक निर्माण कार्य में सीमेंट का कहीं ना कहीं अवश्य प्रयोग होता है। सीमेंट का निर्माण सर्वप्रथम इंग्लैंड में हुआ था। तब से यह दिन प्रतिदिन निर्माण कार्य में प्रयोग किया जा रहा है। अगर आजकल देखा जाए तो कोई भी निर्माण कार्य बिना सीमेंट के हो पाना असंभव हो गया है।

सीमेंट एक पिसा हुआ पाउडर होता है इसका मुख्य कार्य मसाला या कंक्रीट को आपस में बांधने का होता है किसी भी मसाले की शक्तियां सामर्थ्य उसमसाले के सक्रिय पर निर्भर करता है।

सीमेंट के मूल घटक :—

सीमेंट के निम्नलिखित मूल घटक है जिनके बारे में आपको नीचे दिया हुआ है—

1चूना(Cao) 59-67%
2बालू(SIO³)18-25%
3एलुमिना(AL²O³)4-8%
4आयरन ऑक्साइड(Fe²O³)1-5%
5मैगनीज(MgO)0.5-4%
6सल्फर डाइऑक्साइड(SO³)1-2%

5. इमारती लकड़ी (Timber) :-

दोस्तों अगर अब हम बात करेंगे इमारती लकड़ी की तो इमारती लकड़ी इंजीनियरिंग पदार्थों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। प्राचीन समय से ही यह इंजीनियरिंग के निर्माण कार्य में प्रयोग होती आई है। भवन में लकड़ी का प्रयोग फर्श, दरवाजे, खिड़कियां, सीढ़ियां आदि बहुत सी जगह में किया जाता है। इमारती लकड़ी पेड़ो से ली जाती है।

अच्छी इमारती लकड़ी के गुण :—

  • लकड़ी को सूंघने पर मीठी सुगंध आनी चाहिए।
  • लकड़ी कास्ट (Heart Wood) से ली जानी चाहिए।
  • लकड़ी को काटते समय आरी के दांत लकड़ी में नहीं फंसने चाहिए।
  • लकड़ी का बजन ज्यादा होना चाहिए।
  • लकड़ी में किसी भी प्रकार का डिफेक्ट नहीं होना चाहिए।
  • लकड़ी का रंग गाढ़ा होना चाहिए।

निष्कर्ष: –

मैं उम्मीद करता हु किजो कुछ मेने इस में लिखा हैं आपको समझ आ गया होगा। और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरे अनुभव का भरपूर फायदा लें। अगर आपको कुछ और जंकरी सिवल इंजीनियरिंग या बिल्डिंग मटीरीअल के बारे में चाहिए तो आप कमेन्ट कर सकते हैं। आपकी पूरी सहायता की जायेगी।

FAQ :-

प्रश्न: – सिविल इंजीनियर सामग्री क्या है?

ऊतर: – सिवल इंजीनियरिंग ऐक्टिविटी जैसे की भवन, पुल, सड़क, आदि ने निर्माण कार्य में उपयोग होने बाली सामग्री को सिवल इंजीनियरिंग सामग्री या बिल्डिंग सामग्री कहते है। ।

प्रश्न: – सिविल इंजीनियर किस प्रकार की तकनीक का उपयोग करते हैं?

ऊतर: – सिवल इंजीनियर एक स्पेशल तकनीक का उपयोग करते हैं जिसकी सहायता से कोई भी भवन, इमारत या स्ट्रक्चर को प्लान की गई जगह ओर ड्रॉइंग के हिसाब से बना सके। और सिवल इंजीनियर की इस तकनीक सो सीखने के लिए आपको पहले फील्ड में काम करने बहुत जरूरी है।

प्रश्न: – सिविल इंजीनियरिंग की उपयोगिता क्या है?

ऊतर: – सिविल इंजीनियरिंग का मतलब सिर्फ इमारतें और बिल्डिंग बनाना नहीं होता, इसके अंदर और भी कई चीजें शामिल होती है, जैसे कि, बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन करना या फिर उसका Design तैयार करना, यह सब अलग-अलग इंजीनियर के हाथ में होता है।

प्रश्न: – सिविल इंजीनियरिंग में निर्माण सामग्री की क्या भूमिका है?

ऊतर: – सिवल इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर के निर्माण में जितनी भूमिका एक सिवल इंजीनियर की होती है उतनी ही भूमिका सिवल इंजीनियरिंग सामग्री की होती है।

ध्यान दें :- ऐसे ही एजुकेशनल और बिज़नेस  की जानकारी हम सबसे पहले अपने इस वेबसाइट civilengineeringinhindi.com के माध्यम से देते हैं तो आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें । और साथ हमारे telegram channel को भी फॉलो करे
Telegram channel link = Follow me

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे Like और share जरूर करें ।

इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…

Read More

Role And Responsibility of Billing Engineer at Construction Site
site engineer ko kya kya aana chahie
Civil Engineer Kaise Bane
Surveying Kya Hai in Hindi
Sharing Is Caring:

Leave a Comment

DMCA.com Protection Status