अगर आप एक सिवल इंजीनियर हैं, तो आपको सिवल इंजीनियरिंग की सभी सखाओं के बारे में पता होना चाहिए। सिवल इंजीनियरिंग की बहुत सी सखायें हैं, और उनमे से एके सखा बिलिंग इंजीनियर की भी है। और आज के इस आर्टिकल में हम बिलिंग इंजीनियर के बारे में पड़ेंगे। अगर आपको बिलिंग इंजीनियर बनना है तो आपको क्या आना चाहिए? Role And Responsibility of Billing Engineer at Construction Site, बिलिंग इंजीनियर की क्या ड्यूटी होती है? कितने प्रकार की बिलिंग कन्स्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में की जाती है? यह सब हम आज के इस आर्टिकल में जानेंगे।
आर्टिकल सुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। मैं एक सिवल इंजीनियर हूँ मेरा खुद का अनुभव 8 साल से अधिक है। इस आर्टिकल में मैं जो कुछ भी लिखूँगा अपने खुद के अनुभब के अनुसार ही लिखूँगा। अगर आप सिवल इंजीनियर हो तो आपको अंदर क्या कुआलिटीस होनी चाहिए जिसकी बजह से आप एक अच्छे बिलिंग इंजीनियर बन सकें, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़ें। तो शुरू करते हैं आज का आर्टिकल।
- 1 बिलिंग इंजीनियर क्या होता है
- 2 बिलिंग इंजीनियर के कार्य और जीमेदारियाँ | Role And Responsibility of Billing Engineer at Construction Site
- 2.1 1. निर्माण परियोजना का प्रकार (Type of Contract)
- 2.2 2. समान मात्रा के बिल (Bill of Quantity)
- 2.3 3. निर्माण परियोजन की ड्रॉइंग (Project Drawings)
- 2.4 4. माप का तरीका (Mode of Measurement)
- 2.5 5. आतिरिक्त आइटम (Extra Items)
- 2.6 6. रनिंग अकाउंट बिल (Running Account Bill)
- 2.7 7. राशि की गणना और सभी कटौती (Calculation of Amount and all Deduction)
- 2.8 8. सामग्री की खपत का सामंजस्य (Reconciliation of Material Consumption)
- 2.9 9. मूल्य वृद्धि और दर समायोजन (Price Escalation and Rate Adjustment)
- 3 बिलिंग इंजीनियर को क्या क्या आना चाहिए
- 4 निष्कर्ष
- 5 FAQ
- 6 Read More
बिलिंग इंजीनियर क्या होता है
यह एक सिवल इंजीनियरिंग की सखा है जिसमें कि निर्माण प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के अनुसार बिल बनाए जाते है। और कार्य के ऊपर लगने बाली कुल लागत का अनुमान लगाया जाता है। और जो व्यक्ति यह काम करता है उसे बिलिंग इंजीनियर कहा जाता है।
अगर आप एक बिलिंग इंजीनियर है, तो एक बात आपको ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्यूंकी आपका आपका काम पैसों से संबंधित है तो आपके काम में पूर्णता (perfection) और सुधता (accuracy) होना बहुत जरूरी है। कहने का अर्थ यह है की आपके काम गलतियाँ नहीं होनी चाहिए।
बिलिंग इंजीनियर के कार्य और जीमेदारियाँ | Role And Responsibility of Billing Engineer at Construction Site
बिलिंग इंजीनियर की निर्माण स्थान पर क्या ड्यूटी होती है Role And Responsibility of Billing Engineer at Construction Site, किस प्रकार से एक बिलिंग इंजीनियर साइट पर काम करता है। यह सब हम आगे पड़ेंगे।
- निर्माण परियोजना का प्रकार (Type of Contract)
- समान मात्रा के बिल (Bill of Quantity)
- निर्माण परियोजन की ड्रॉइंग (Project Drawings)
- माप का तरीका (Mode of Measurement)
- आतिरिक्त आइटम (Extra Items)
- रनिंग अकाउंट बिल (Running Account Bill)
- राशि की गणना और सभी कटौती (Calculation of Amount and all Deduction)
- सामग्री की खपत का सामंजस्य (Reconciliation of Material Consumption)
- मूल्य वृद्धि और दर समायोजन (Price Escalation and Rate Adjustment)
1. निर्माण परियोजना का प्रकार (Type of Contract)
अगर आप सिवल इंजीनियर हैं और बिलिंग इंजीनियर बनना चाहते हैं तो सबसे पहले निर्माण परियोजना के प्रकार के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। इसमें तीन प्रकार के कान्ट्रैक्ट आते है, आइटम वाइज़ कान्ट्रैक्ट, स्लैब रेट/ बिल्ड उप कोन्टरक्तस और लंपसम कान्ट्रैक्ट।
आइटमवाइज़कान्ट्रैक्ट: – इस प्रकार के कान्ट्रैक्ट में आम तौर पर एक या एक से अधिक ठेकेदार काम कर सकते है। इस प्रकार के ठेके में बिलिंग और कार्य को मापने के उदेशय से विभिन्न भागों में विभाजित किया जाता है। और जिस भी कार्य भाग को विभाजित किया जाता है उसमें उसके समान का मूल्य, निर्माण कार्य तक पहुँचने का मूल्य, निर्माण कार्य में उसे लगाने पर लगने बाली लेबर का मूल्य, यह सब एनालिसिस करने के बाद एक आइटम रेट बनाया जाता है। ऐसे हि हर एक आइटम का रेट बनाया जाता है।
2. समान मात्रा के बिल (Bill of Quantity)
कार्य निर्माण शुरू होने से सबसे पहले समान की मात्रा के बिल बनाए जाते है जिसको Bill of Quantity(BoQ)कहते है।इसमें हम मटीरीअल की लिस्ट बनाते है उसकी मात्रा के हिसाब से। और उसकी समान मात्रा के हिसाब से फिर प्रोजेक्ट के कुल मूल्य का अनुमान लगाया जाता है।
3. निर्माण परियोजन की ड्रॉइंग (Project Drawings)
अगर आप एक बिलिंग इंजीनियर बनना चाहते है, तो आपको ड्रॉइंग को पड़ना आना बहुत जरूरी है क्यूंकी जो भी आप निर्माण कार्य पर बिल बनाओगे वो सब ड्रॉइंग के अनुसार होने चाहिए। और जब हम किसी प्रोजेक्ट की अनुमानित कोस्ट को बनाते है तो वो सब ड्रॉइंग के हिसाब से ही बनता है। इसलिए एक बिलिंग इंजीनियर को ड्रॉइंग रीड करना भी आना चाहिए।
4. माप का तरीका (Mode of Measurement)
अगर आप बिलिंग इंजीनियर बनना चाहते हो तो आपको मापने का तरीकों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। सबसे पहले माप की excelशीट कैसे बनती है, यह पता होना चाहिए। उसके बाद माप के कुछ रुल्स हैं जैसे IS 1200 | SP27 | CPWD। इनमें हमें बताया जाता है कि अलग-अलग आइटम्स को मापने के अलग-अलग तरीके है। यह सब रुल्स हमें पता होना चाहिए अगर हम बिलिंग इंजीनियर बनना चाहते हैं तो।
5. आतिरिक्त आइटम (Extra Items)
जब हम निर्माण स्थान पर कार्य करतें है, तो बहुत सारे काम ऐसे होते है जिनका कान्ट्रैक्ट अग्रीमेंट में कोई जिक्र नहीं होता। एक बिलिंग इंजीनियर को चाहिए कि ऐसा कोई काम आपके निर्माण स्थान पर हो रहा है तो उसकी एक अलग से सूची बनाई जाए ओर उसको क्लाइंट से पास करवाया जाए। यह सब आपकी कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और अगर आप बिलिंग इंजीनियर है और आपको इन सब के बारे म नहीं पता तो आपकी कॉम्पनी को भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
6. रनिंग अकाउंट बिल (Running Account Bill)
जब निर्माण स्थान में काम चल रहा होता है तो एक बिलिंग इंजीनियर को हर महीने एक बिल अपने क्लाइंट को देना होता है। हलकी काम अभी चल रहा होता है। जितना काम हुआ होता है उतना ही अपने बिल क्लाइंट से पास करवाना होता है। तो चालू काम में जीतने भी बिल हम क्लाइंट से पास करवाते है उन्हे रनिंग अकाउंट बिल कहते है।
7. राशि की गणना और सभी कटौती (Calculation of Amount and all Deduction)
जब कोई बिलिंग इंजीनियर बिल बनाता है तो उससे अच्छे से पता होता है रुल्स के अनुशार कहाँ पर माप में कहाँ और किस आईटम में कटौती करनी है। क्यूंकी जब हम किसी आईटम का माप लेते है तो कई बार किसी जगह पर माप डबल और अधा भी रह जाता है। तो यह सब बिलिंग इंजीनियर को पता होना जरूरी है की राशि की गणना और कटौती कहाँ करनी है।
8. सामग्री की खपत का सामंजस्य (Reconciliation of Material Consumption)
जो भी समान आपके निर्माण स्थान पर आा रहा है जैसे कि सिमेन्ट, रेता, बाजरी, सरिया। यह सब समान की पर्याप्त सूची एक बिलिंग इंजीनियर के पास होनी बहुत अवयस्क है, क्यूंकी जब कोई भी समान आपके निर्माण स्थान पर आता है उसके साथ उसकी Reconciliation of Material Consumptionरिपोर्ट भी लगती है।
9. मूल्य वृद्धि और दर समायोजन (Price Escalation and Rate Adjustment)
मूल्य वृद्धि और दर समायोजन भी बहुत जरूरी होता है एक बिलिंग इंजीनियर को आना। सबसे पहले तो मार्केट के हिसाब से आपको समान का मूल्य पता होना चाहिए। फिर आपको अपने कान्ट्रैक्ट में भी पता होना चाहिए कि किसी आईटम का मूल्य मार्केट के मूल्य से काम तो नहीं और अगर काम है तो फिर उसका समायोजन भी निकालना भी बिलिंग इंजीनियर की ड्यूटी है।
बिलिंग इंजीनियर को क्या क्या आना चाहिए
कुछ स्पेशल स्किल्स है जो बिलिंग इंजीनियर के पास होना अनिवार्य है।
- ड्रॉइंग रीडिंग :- एक बिलिंग इंजीनियर को ड्रॉइंग को पड़ना आना बहुत जरूरी है, चाहे वो स्ट्रक्चरल ड्रॉइंग हो या फिर आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग।
- एस्टमैशन और कॉस्टिनग :- एक बिलिंग इंजीनियर को समान का एस्टमेट और समान का कुल खर्चा निकालना आना चाहिए।
- समान मात्रा के बिल :- एक बिलिंग इंजीनियर को BOQ (Bill of Material) के बारे में ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
- रेट के सीडयूल :- CPWD और PWD रेट के सीडयूल का एक बिलिंग इंजीनियर को पता होना बहुत जरूरी है।
- IS 1200 और CPWD रुल्स: IS 1200 और CPWD रुल्स के बारे में एक बिलिंग इंजीनियर को पता होना बहुत जरूरी होता है क्यूंकी बिलिंग का सार काम इन रुल्स के आधार पर होता है।
- बिलिंग :- बिलिंग कैसे होती है यह तो पता होना बहुत ही जरूरी है क्यूंकी इसके बिना कोई बिलिंग इंजीनियर बन ही नहीं सकता।
- एमएस इक्सेल (MS Excel): एमएस इक्सेल का ज्ञान होना एक बिलिंग इंजीनियर के लिए जरूरी है क्यूंकी बिलिंग का सर काम एमएस इक्सेल पर ही किया जाता है।
निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हु किजो कुछ मेने इस में लिखा हैं आपको समझ आ गया होगा। और उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरे अनुभव का भरपूर फायदा लें । अगर आपको कुछ और जंकरी सिवल इंजीनियरिंग या बिलिंग इंजीनियर के बारे में चाहिए तो आप कमेन्ट कर सकते हैं। आपकी पूरी सहायता की जायेगी।
FAQ
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प्रश्न: – सिविल इंजीनियरिंग में बिलिंग कार्य क्या है?
ऊतर : – यह एक सिवल इंजीनियरिंग की सखा है जिसमें कि निर्माण प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के अनुसार बिल बनाए जाते है। और कार्य के ऊपर लगने बाली कुल लागत का अनुमान लगाया जाता है। और जो व्यक्ति यह काम करता है उसे बिलिंग इंजीनियर कहा जाता है।
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प्रश्न: – सिविल इंजीनियर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है?
ऊतर : – सिवल इंजीनियर बनने के लिए जरूरी नहीं कि आपकी बारहवीं साइंस से ही हो। अगर आप कॉमर्स या आर्ट्स के स्टूडेंट है, तब भी आप सिवल इंजीनियर बन सकते है। शर्त बस यह होगी की आपको पहले डिग्री की जगह डिप्लोमा लेना पड़ेगा सिवल इंजीनियरिंग का।
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प्रश्न: – सिविल इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है?
ऊतर : – भारत में सिवल इंजीनियर की सैलरी 10 हजार से लेकर 1.5 लाख महिना तक है। यह आपके अनुभव ओर ज्ञान के ऊपर निर्भर करता है कि आप कितनी सैलरी ले सकते है।
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प्रश्न: – निर्माण में बिलिंग इंजीनियर की क्या भूमिका है?
ऊतर : – कार्य के ऊपर लगने बाली कुल लागत का अनुमान लगाया जाता है। और जो व्यक्ति यह काम करता है उसे बिलिंग इंजीनियर कहा जाता है।
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इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…
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